Lyrics – Gulzar
Music: Bhupen Hazarika
झूठी मुठी मितवा आवन बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
झूठी मुठी मितवा आवन बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
बादलों पे चलने का चाहूँ पिया
बादलों पे चलने का चाहूँ पिया
आओ मेरा झूलना झुलाओं पिया
बन बन पपीहा पीहु बोले
झूठी मुठी मितवा आवन बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
रोग ये कैसा लगा मोहे
आरसी उठाऊं देखूं तोहे
मन चंचल मोसे छल ना करे
बांवरी बोले कभी पगली कहे
बांवरी बोले कभी पगली कहे
कारी तोरी अखियाँ याद करूँ
आरसी में बार-बार काजर भरूं
मन मितवा काहे पीहू बोले
झूठी मुठी मितवा आवन बोले
भादो बोले कभी सावन बोले
झूठी मुठी मितवा आवन बोले
भादो बोले कभी सावन बोले